भारतीय लहसुन की वैश्विक मांग क्यों बढ़ रही है?
- vscvideos2026
- May 21
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भारत में लहसुन न केवल रसोई का अहम हिस्सा है, बल्कि अब यह एक ऐसा कृषि उत्पाद बन चुका है जिसकी वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है। स्वाद, औषधीय गुणों और उत्पादन क्षमताओं के कारण भारतीय लहसुन दुनिया के कई देशों में लोकप्रिय होता जा रहा है। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर क्यों भारतीय लहसुन को अंतरराष्ट्रीय बाजार में इतनी सराहना मिल रही है।
1. तीव्र स्वाद और औषधीय गुण
भारतीय लहसुन में मौजूद एलिसिन (Allicin) एक प्राकृतिक यौगिक है जो इसे तीव्र गंध और स्वाद प्रदान करता है। यही गुण इसे खास बनाता है, खासकर एशिया, यूरोप और अमेरिका जैसे क्षेत्रों में, जहां इसे औषधीय उपयोग (जैसे कि रक्तचाप नियंत्रित करना, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना, आदि) के लिए भी प्रयोग में लाया जाता है। अन्य देशों की तुलना में भारतीय लहसुन अधिक तीव्र और प्रभावशाली होता है।
2. जैविक और प्राकृतिक खेती की ओर रुझान
आज की दुनिया तेजी से जैविक खाद्य पदार्थों की ओर बढ़ रही है। भारतीय किसान कम रासायनिक खादों और कीटनाशकों के साथ परंपरागत और प्राकृतिक तरीकों से लहसुन की खेती करते हैं। इससे भारतीय लहसुन को एक "सस्टेनेबल" (टिकाऊ) उत्पाद के रूप में पहचान मिल रही है, जो वैश्विक उपभोक्ताओं की प्राथमिकता बन चुका है।
3. प्रतिस्पर्धी मूल्य और व्यापार अवसर
जब चीन जैसे प्रमुख उत्पादक देशों में आपूर्ति बाधित होती है — चाहे वह मौसम की मार हो या वैश्विक व्यापार तनाव — तब भारत एक भरोसेमंद और किफायती विकल्प बनकर सामने आता है। भारत में श्रम लागत कम होने और कृषि उत्पादन की विविधता के कारण भारतीय लहसुन कम दाम में अधिक गुणवत्ता प्रदान करता है।
4. निर्यात बुनियादी ढांचे में सुधार
भारत सरकार द्वारा कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। मुंबई, मुंद्रा, चेन्नई और कोलकाता जैसे प्रमुख बंदरगाहों से लहसुन का निर्यात सरल और तेज़ हो गया है। साथ ही, कोल्ड चेन, ट्रेसिबिलिटी और गुणवत्ता नियंत्रण में सुधार के चलते भारतीय लहसुन अब अधिक व्यावसायिक रूप से भरोसेमंद बन चुका है।
5. स्वास्थ्य के प्रति वैश्विक जागरूकता
कोविड-19 महामारी के बाद से पूरी दुनिया में ऐसे खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ गई है जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हों। लहसुन सदियों से आयुर्वेद में एक प्रमुख औषधि के रूप में जाना जाता है, और अब इसका यह गुण वैश्विक स्तर पर भी पहचाना जाने लगा है। भारत का लहसुन, अपनी प्राकृतिकता और प्राचीन चिकित्सा से जुड़ाव के कारण, स्वास्थ्य-सचेत उपभोक्ताओं की पहली पसंद बनता जा रहा है।
6. अन्य देशों में उत्पादन में गिरावट
हाल ही में चीन और स्पेन जैसे देशों में मौसम संबंधी समस्याओं और बीमारियों के चलते लहसुन की पैदावार में गिरावट आई है। इस स्थिति में भारत ने वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए तेजी से उत्पादन और निर्यात बढ़ाया, जिससे भारत को एक मजबूत आपूर्तिकर्ता के रूप में पहचान मिली
प्रमुख निर्यात बाजार
आज भारत से लहसुन के निर्यात में सबसे आगे हैं
बांग्लादेश
वियतनाम
मलेशिया
थाईलैंड
संयुक्त अरब अमीरात
संयुक्त राज्य अमेरिका — विशेष रूप से जैविक उत्पादों के बाजार में
निष्कर्ष
भारतीय लहसुन अब केवल घरेलू रसोई तक सीमित नहीं रहा। इसके स्वाद, गुणवत्ता, औषधीय गुण और उत्पादन क्षमताओं के चलते यह वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत जगह बना चुका है। भारत यदि इसी तरह गुणवत्ता बनाए रखते हुए निर्यात को संरचित करता रहा, तो निकट भविष्य में यह लहसुन के वैश्विक व्यापार में महाशक्ति बन सकता है
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